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ब्रह्म संहिता

ब्रह्मसंहिता संस्कृत व अंग्रेजी अर्थ सहित । 5.01 ईश्वरः परमः कृष्णः सच्चिदानन्दविग्रहः अनादिरादिर्गोविन्दः सर्वकारणकारणम् īśvaraḥ paramaḥ kṛṣṇaḥ sac-cid-ānanda-vigrahaḥ anādir ādir govindaḥ sarva-kāraṇa-kāraṇam Translation: Kṛṣṇa who is known as Govinda is the Supreme Godhead. He has an eternal blissful spiritual body. He is the origin of all. He has no other origin and He is the prime cause of all causes. 5.29 चिन्तामणिप्रकरसद्मसु कल्पवृक्ष लक्षावृतेषु सुरभिरभिपालयन्तम् लक्ष्मीसहस्रशतसम्भ्रमसेव्यमानं गोविन्दमादिपुरुषंतम् अहं भजामि cintāmaṇi-prakara-sadmasu kalpa-vṛkṣa- lakṣāvṛteṣu surabhīr abhipālayantam lakṣmī-sahasra-śata-sambhrama-sevyamānaṁ govindam ādi-puruṣaṁ tam ahaṁ bhajāmi Translation: I worship Govinda, the primeval Lord, the first progenitor who is tending the cows, yielding all desire, in abodes built with spiritual gems, surrounded by millions of purpose trees, always served with great reverence and affection by hundreds of thousands of

द्वयोपनिषत् । संस्कृत व हिन्दी ।

द्वयोपनिषत्  ॐ अआत् : श्री मद्दयोत्पत्ति । बाक्यो द्वितीयः । षट्पदाण्य ष्टादश । पञ्चविंशत्यक्षराणि । पंचदशाक्षरं पूर्वम् दशाक्षरं परम् । पूर्वो नारायणः प्रोक्तोऽनादिसिद्धो मन्त्ररत्नः सदाचार्य मूलं ' । आचार्यो वेदसंपन्नो विष्णुभक्तो विमत्सरः । । मन्त्रज्ञो मन्त्रभक्तश्च सदामन्त्राश्रयः शुचिः ।१ । गुरुभक्तिसमायुक्तः पुराणज्ञो विशेषवित् ।  एवं लक्षणसंपन्नो गुरुरित्यभिधीयते । २। आचिनोति हि शास्त्रार्थनाचारस्थापनादपि । स्वयं माचरते यस्तु तस्मादाचार्य उच्यते । ३। गुशब्दस्त्वन्धकारः स्यात् रुशब्दस्तनिरोधकः । । अन्धकार नरोधित्बाद्गुरुरित्यभिधीयते । ४।  गुरुरेव परं ब्रह्म गुरुरेव परा गतिः । गुरुदेव परं विद्या गुरुरेव परं धनम् । ५ ।  गुरुरेव परः कामः गुरुरेव परायणः । यस्मात्तदुपदेष्टासौ तस्माद्गुरुतरो गुरुः। ६। सिद्धिर्भवति ।  न च पुनरावर्तते न च पुनरावर्तते इति ।  य एव खेदेत्यपनिषत् । ७।                         अब श्रीमद्वय की उत्पत्ति बताई जाती है (उसकी प्रधानता   बनाई जाती है ।) दूसरा वाक्य है । षटपद अठारह हैं । पच्चीस इनमें अक्षर हैं । पन्द्रह पहले दस बाद में । सदाचार का आ

शिवसंकल्पोपनिषद् । हिन्दी व संस्कृत

।।शिवसंकल्पोपनिषत् ।। यज्जाग्रतो दूरमुदति दैवं तदु सुप्तस्य तथैवैति । दरङ्गमं ज्योतिषां ज्योतिरेकं तेन्मे मनः शिवसङ्कल्पमस्तु ।१।  येन कर्माण्य पसो मनीषिणो यज्ञे कृण्वन्ति विदथेष धीराः ।  यदपूर्व यक्षमन्तः प्रजानां तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु । २।  यत्प्रज्ञानमुत चैतो धृतिश्च यज्योतिरन्तरमृतं प्रजासू । यस्मान्न ऋते किंचन कर्म क्रियते तन्मे मनः शिवसकल्पमस्तु । ३।  येनेदं भूतं भुवनं भविष्यत् परिगृहीतममृतेन सर्वम् । येन यज्ञस्तायते सप्त होता तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु । ४ । यस्मिन्नृचः साम यजू गुं षि यस्मिन् प्रतिष्ठिता रथनाभविवाराः ।  यस्मिश्चित्त गुं सर्वमोतं प्रजानां तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु । ५ ।  सूषारथिश्वानिव यन्मनुष्यान्नेनीयतेऽभोथुभिर्वाजिन इव । हत्प्रतिष्ठं यदजिर जविष्ठं तन्मे मनः शिवसंकल्पमस्तु । ६। Or श्रीशिवसङ्कल्पोपनिषत् ॥ यज्जाग्र॑तो दू॒रमु॒दैति॒ दैवं॒ तदु॑ सु॒प्तस्य॒ तथै॒वैति॑  । दू॒रं॒ग॒मं ज्योति॑षां॒ ज्योति॒रेकं॒ तन्मे॒ मनः॑ शि॒वसं॑कल्पमस्तु ॥ १॥ येन॒ कर्मा॑ण्य॒पसो॑ मनी॒षिणो॑ य॒ज्ञे कृ॒ण्वन्ति॑ वि॒दथे॑षु धीराः॑ । यद॑पू॒र्वं य॒क्षम॒न्तः प्र॒जानां॒ तन्मे॒ मनः

पूजा सामग्री

माला रूद्राक्ष , माला तुलसी , पुस्तक, दक्षिणा, मिट्टी के सकोरा  ,कच्चा सूत्र, मिट्टी के दीपक,  माचिस पुड़ा, रुई, चौकी पटा,  दोंना, पत्तल,  चना दाल,  तुअर दाल, मसूर दाल, प्रक्षोणी प्रणिता मूंग दाल मिठाई बर्फी आणि अर्णि मंथन  नाग फली  कील मोतीचूर के लड्डू  तांवे का तार  सूत की सुतली  पेठा तोता  सत्तग्रन्थी वांस  सुतली  सेमर की रूई ब्राह्मण वरण सामग्री धोती कुर्ता धोती गमछा  रंग  लाल हरा पीला काला  कृष्ण जन्मोत्सव सामग्री  आसन पंचपात्र गोमुखी (नो पालिस) सिंदूर   चांदी के नाग चांदी का सिक्का काजल कुमकुम सफेद कपड़ा लाल कपड़ा  हरा कपड़ा पीला कपड़ा  काला कपड़ा आसन ऊनी झण्डा ( निशान ) पताका चांदी की भूती चांदी के दीपक सोने की सलाखा  सोने की मूर्ती लोहे की मूर्ती  बांस की टोकरी  ( समीधा ) अकउआ  छोला खैर  पीपल उमर शमी ( छोकर ) अदरझारा सुर्वा हार कम्बल धोती मर्दानी कुर्ता गमछा वामी की मिट्टी सप्तमृर्तिका सप्त धान्य सिंगार का सामान  धोती जनानी थाली ग्लास  भगोनी छोटी  भगोनी बड़ी  कटोरी ब्लाउस चूड़ी | बिछूड़ी  मावर  म

श्री महंत 2

रामलखन तिवारी | श्री प्रेमरामायणम सत्संग सेवा संस्थान चित्रकूट 942515729 5279 प . रमाकांत शास्त्री दो धारी घाम आश्रम उज्जैन 957591676588 श्री दादा जी धाम सत्संग श्री संत रमेश सेवा समिति श्री संत रमेश लालजी महाराजलालजी गोविंद भवन बाला 94251157451508 बाई का बजार लश्कर ग्वालियर म . प्र . रसिक भाई प्रजापति लक्ष्य प्रेरणा डिवाईन फाउंडेशन अहमदाबाद 9924024938223 परेश कुमार उपाध्याय सत्प्रेरणा ट्रस्ट महन्त सियारामदास रामानन्द भक्तमाल सेवा शिविर / हनुमान गढी गा | जी उमान गढा 9977076977 पो . मंगलाज शाजापुर 3409444709223 . महन्त श्री 9300881449 26 9589907061 18 9828615577 रामसेवकदास जी दण्डी सेवा आश्रम उज्जैन शास्त्री पंडित कमल किशोर शुक्ल बाबामा रेवा धर्म संस्था उज्जैन चम्पालाल माहेश्वर श्री गीली कृपा आनन्द महन्त आनन्द बिहारी सरण विहार अन्न क्षेत्र शिविर राजस्थान कड़वा पाटीदार धर्मशाला ट्रस्ट 6 कुशलपुरा उज्जैन श्री रामनाम सेवा संघ साध्वी पुष्पादेवी चित्रकुट / श्री जानकी रामायणी कुण्ड चित्रकुट श्री अरोज्ञ हनुमान म न्दिर मनोहरदास बैरागी / जिला चिकित्सालय वैष्णव रतलाम 992605941347 . 9424403039 25

श्री महंत

महत रामलखनदासजी श्री ( फोत ) लोहारगढ महत फुलडोल उदयपुर महत बिहारीदासजी चार सम्प्रदाय ( 1 ) श्री महंत राधेश्यामशरणदासजी मिथिलाहरव्यासी श्री महंत श्री कृ महाराज काठियावाबा ष्णदासजी रामदास खालसा ( 69 ) श्री महंत स्वरूपचरणदास जी बलभद्री अखाडा महन्त नैन मोहनदासजी बलभद्र वृन्दावन श्री महंत राधारमण दास जी नवद्वीप नगर ( 82 ) श्री महंत गरबिलीशरण ब्रजबिहारी खालसा महाराज वृन्दावन ( 76 ) सरजूदासज काठिया बाबा वृंदानव नगर ( 102 ) श्री महंत हरव्यासी मिथिला खालसा राधेश्यामदास जी श्रीधाम वृन्दावन ( 126 ) श्री महंत निम्बाक आश्रम काठियाबाबा लक्ष्मीनारायण दास का पुराना स्थान वृन्दावन जी ( 78 ) श्री महंत रामरतनदास जी अयोध्या फैजाबाद ( 54 व्यास भक्तमंडल श्री श्री महन्त श्री धर्मदासजी महाराज मथुरानगर खालसा ( 107 ) महन्त सिंहस्था भूषण श्री चित्रकूट रामलखनदासजी स्व . धाम पीली कोठी सतना रामनंदी न िर्मोही अखाडा श्री प्रेम पुजारीदास जी महाराज श्री महंत मिथिला हरन्यास वृन्दावन राधेश्यामदास जी ( 126 ) हरन्यासी प्रेमदास नगर वृन्दावन महन्त प्रियाशरणदास काठिया बाबा महंत मनमोहनदास जी राधावल्लभ श्री राधावल्लभी निर्मोही