Jaykara
हरिः ॐतत्सत! पंगत की जयकारा सम्पूर्ण जेवत संत हरिहर करैं धन्य पुरुषन् के भाग । तिनके गृह पावन भये सन्त पधारे आय ।। बोलियो सन्तो प्रेम से मधुरी सी बानी । " श्री हरे ...